What is Operating System in Hindi? Type of Operating System in hindi, What is Windows Operating System, Linux Operating Operatin System | Computer Notes in Hindi -hinditech444.blogspot.com

 हैलो दोस्तों, आज कि हम इस आर्टिकल मे हम कंप्युटर ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?,कंप्युटर ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार, विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम, लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम आदि के विषय मे जानेंगे। यदि आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ,सोशल मीडिया आदि पर जरूर शेयर करें। हमारे नई पोस्ट कि अपडेट के लिए हमारी वेबसाईट-hinditech444.blogspot.com से जूड़े रहें। तो चलिए शुरू करते हैं-

What is Operating System?(ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?)

What Is Operating System In Hindi -

ऑपरेटिंग सिस्टम एक System Software है, जो Computer और User के बीच एक संबंध बनाता है, जिससे कि कंप्यूटर चल सके, अर्थात् कंप्यूटर के Hardware को और User (कंप्यूटर चालक) के बीच में एक Interface का काम करता है, जिससे हमरे कंप्यूटर का संचालन हो सके। ऑपरेटिंग सिस्टम का छोटा नाम OS है,जिसे हम सभी (Operating System) शब्द का उच्चारण जल्दी करते है। मतलब Operating System को OS भी कहते है।

अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए तो Computer को Operate करने (चलाने) के लिए ये ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) ही एक जरिया देता है, जिससे आप कंप्यूटर को चला पाते है।

ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम (Software Programs) है जिसके बिना कंप्यूटर हार्डवेयर (Computer Hardware) के चलाया जाना व्यर्थ है। बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के कंप्यूटर कोई काम का नहीं अर्थात इसकी सरल परिभाषा है- ऐसे सॉफ्टवेयर जो हार्डवेयर को कंट्रोल करें (Software that Controls the Hardware) उसे ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) कहते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) के कई प्रकार है-

कुछ ऐसे जरूरी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होते हैं, जिन्हें कंप्यूटर में चलाना जरूरी होता है जो और किसी प्लेटफार्म (Platforms) पर ना चल सके…… इसलिए ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) बनाया गया है, जैसे कीबोर्ड द्वारा दिए गए इनपुट, डिस्प्ले स्क्रीन द्वारा भेजे गए आउटपुट, फाइल (file) को सुरक्षित रखना और अन्य डिवाइस (device) को जोड़कर रखना तथा इंस्टॉल(install) करके रखना। जैसे ड्राइवर और प्रिंटर।

ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) का एक और कार्य है जो किसी गैर यूजर (Unauthorized User) को एक्सेस (Access /Control) ना कर सके।

ऑपरेटिंग सिस्टम को हम रिसोर्स मैनेजर (Resource manager) भी कहते हैं, क्योंकि ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर के अनुसार,  मैनेज (Manage) करता है सभी कंप्यूटर को और Locate करता है Specific प्रोग्राम को।

ऑपरेटिंग सिस्टम को कंट्रोल प्रोग्राम(Control Program) भी कहते हैं क्योंकि यह कंट्रोल करता है सभी Computer System को और यूजर द्वारा दिए गए निर्देश या कमांड को आउटपुट(output) या एग्जीक्यूट (execute) करता है, बिना किसी गलतियों के।

Computer में जब भी कोई user किसी भी फाइल को हिंदी या अंग्रेजी भाषा में पढ़ रहा होता है, तो वाह सभी डाटा यूजर द्वारा पढ़े गए कंप्यूटर में स्टोर  होता है जो (0 & 1) जीरो और एक के अंतर्गत मेमोरी में किया जाता है क्योंकि कंप्यूटर बाइनरी डिजिट को समझता है। बाइनरी डिजिट (binary digits) जीरो और एक होता है।



ऑपरेटिंग सिस्टम कैसे कार्य करता है? (How Operating System Works?)-

जब भी हम कंप्यूटर को स्टार्ट करते हैं तब एक लॉजिक (logic) पास होता है ताकि कंप्यूटर लोड उठा सके और ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) को कंट्रोल कर सके इस गतिविधि को बूटिंग (booting) कहते हैं।

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कंप्यूटर बूट होने के कुछ स्टेप है (How Computer Boot in Hindi)-

कंप्यूटर के स्विच (Switch) को चालू करके कंप्यूटर को चालू करना इस process में कंप्यूटर खुद से यह चेक करता है प्रोसेसर (Processor) के साथ सारे बेसिक डिवाइस(Basic device) कनेक्ट है या नहीं जैसे माउस, कीबोर्ड, मॉनिटर।

दूसरी प्रोसेस (Process) में BIOS{Basic Input Output System} जोकि कंप्यूटर का हिस्सा है वह Check करता है आपके रैम को या आसान भाषा में कहे तो कंप्यूटर मेमोरी(Computer memory) को चेक करता है।

BIOS{ Basic Input Output System} का कार्य डेस्क (Desk) को Check करना होता है ताकि वह ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) को चालू कर सके, वे जगह जहां सभी फाइल होते हैं उसे अंग्रेजी में (Boot Sector) बूट सेक्टर कहा जाता है जो फाइल बहुत ही जरूरी होते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) को लोड (load) लेने के लिए अर्थात चालू होने के लिए अगर यह फाइल (file) नहीं हो कंप्यूटर में तो कंप्यूटर चालू नहीं होगा अब यहां चालू होने से मतलब है आपका ऑपरेटिंग सिस्टम काम नहीं करेगा।

Computer चालू करने के बाद एक बार यह फाइल लोड हो जाते हैं तब कुछ और कंफीग्रेशन (configuration) जरूरी होते हैं ताकि कंप्यूटर को पूरी तरह से चालू कर सके यह सभी कार्य होने के बाद ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर पर अपना कंट्रोल(Control) बना लेता है जिससे हम आसानी से कंप्यूटर का उपयोग कर सकते हैं।

Function Of Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य)-

ऑपरेटिंग सिस्टम 4 function पर कार्य करता है-

मेमोरी प्रोसेसर, इनपुट – आउटपुट डिवाइस, और फाइल

I. मेमोरी मैनेजमेंट फंक्शन (Memory Management Function) 

II. प्रोसेसर मैनेजमेंट फंक्शन (Processor Management Function) 

III. इनपुट आउटपुट डिवाइस मैनेजमेंट फंक्शन (I/O Device Management Function)

IV. फाइल मैनेजमेंट फंक्शन (File Management Function) 

मेमोरी मैनेजमेंट फंक्शन (Memory Management Function)

मेमोरी मैनेजमेंट फंक्शन (Memory Management Function) कंप्यूटर में मेमोरी और कुछ अलग तरीके के सिस्टम को संभालता है।

प्रोसेसर मैनेजमेंट फंक्शन (Processor Management Function)

प्रोसेसर मैनेजमेंट फंक्शन (Processor Management Function) का कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम में सिर्फ इतना होता है जो किसी भी कार्य को करने के लिए संभाला जा सके जैसे किसी भी प्रोग्राम को चालू करना और उस पर कार्य करना प्रोसेसिंग का कार्य होता है।

इनपुट आउटपुट डिवाइस मैनेजमेंट फंक्शन (I/O Device Management Function)

इनपुट और आउटपुट डिवाइस को मैनेज करने के लिए यह फंक्शन इस्तेमाल होता है। जैसे कीबोर्ड से टाइप करना और कीबोर्ड द्वारा टाइप किए गए डाटा (data) को कंप्यूटर में स्टोर (store) करना तथा उसका रिजल्ट आउटपुट (Output) देना।

फाइल मैनेजमेंट फंक्शन (File Management Function)

फाइल मैनेजमेंट फंक्शंस (File Management Function) का काम फाइल और किसी भी जानकारी को सुरक्षित रखना तथा समाजवाद फाइल या डाटा से जानकारी लेने का होता है

Classification Of Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम का वर्गीकरण)

Operating System को तरह-तरह के आधार पर बांटा गया है। ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) को यूजर के आधार पर दो बागों में बांटा गया है

1. Single User Operating System 

2. Multi User Operating System 

सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम (Single User Operating System)

सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम ( Single User Operating System) एक ही समय में एक ही प्रोग्राम को चलाया जा सकता है। उदाहरण के लिए सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) है- MS-DOS

मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi User Operating System)

मल्टी यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi User Operating System) का अर्थ है एक ही समय में दो और उससे भी ज्यादा प्रोग्राम (program) को रन किया जा सकता है कुछ ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम है जो एक बार में 100 या उससे भी अधिक यूजर द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है उदाहरण के लिए-

UNIX/Linux, Win-NT/ME/2000/Vista/XP इत्यादि सभी ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) है जो अधिकांश इस्तेमाल किए जाते हैं।

Basics Of Popular Operating System (Windows, Linux)-

कुछ लोकप्रिय Operating System है-जैसे Windows Operating System, Linux Based Operating System, Android, Mac, इत्यादि।

What is Windows Operating System? (विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?)

विंडोज(Windows) का पूरा नाम Microsoft Windows Operating System है, जिसे Microsoft Corporation द्वारा बनाया गया था। जिसके संस्थापक (Founder) “Bill Gates” है।

विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम एक Graphical User Interface Based Operating System Software है जो अधिकतर कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाला Operating System है।

Different types of operating system-

Different Types Of Windows Operating System

बहुत सारे विंडोज (Windows) के Version है 1980’s से और जब ये ऑपरेटिंग सिस्टम लांच किए गए थे तब यह सिर्फ पर्सनल कंप्यूटर(PC) के लिए ही हुआ करते थे पर अब जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ती गई वैसे -वैसे Operating System का दौर बढ़ता गया और अब ऑपरेटिंग सिस्टम स्मार्टफोन, टी० वी०, टेबलेट्स, में उपलब्ध हो गए है।




Windows Operating System के प्रकार जैसे:-

Windows OS Quick Links

MS-DOS (1981 )

Windows 1.0 – 2.0 ( 1985 – 1992)

Windows 3.0 – 3.1 ( 1990 – 1994)

Windows 95 ( August 1995)

Windows 98 ( June 1998)

Windows ME – Millennium Edition (September 2000)

Windows NT 31. – 4.0 ( 1193 – 1996)

Windows 2000 ( February 2000)

Windows XP ( October 2001 )

Windows Vista ( November 2006)

Windows 7 ( October 2009)

Windows 8  ( August 2012)

Windows 10 ( July 2015)

Windows Server ( March 2003)

Windows Home Server ( January 2007)

Windows CE ( April 2006)

Windows Mobile ( November 2000)

Windows Phone 7-10

  Types Of Mobile OS device 

Windows Operating System दो तरह के बिट्स को सपोर्ट करता है।

1. X64 Bit 

2. X32 Bit,जिसे X86 Bit भी कहते है। 

What Is Linux?(लिनक्स क्या है?)

Linux Operating System एक Open Source और पॉपुलर System सॉफ्टवेयर है जिसे कंप्यूटर(Computer) और यूजर(User) के बिच एक Interface बनाता है, जिससे कि हमारा कंप्यूटर एकाम कर सके। Linux Operating System सॉफ्टवेयर Gpl Version 2 सिंपल Gui Based OS है।




दूसरे शब्दों में कहा जाए तो, लिनक्स एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर है जिसे हर कोई डाउनलोड करके इस्तेमाल कर सकता है। हम सब जानते है लिनक्स एक Open Source System Software है और यह GUI Based Software है।

लिनक्स एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर है जिसे हर कोई चला नही सकता हालांकि यह Open Source है। और फिर भी इसे आप नही चला सकते इसको चलाने के लिए Command की जानकारी होना जरूरी है। तभी आप लिनक्स को चला सकते है।

मुख्य रूप से Linux एक Reliable Secure और Error Free ऑपरेटिंग System सॉफ्टवेयर है।

 Who is the owner of Linux Operating? (लिनक्स के Owner कौन है?)

यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है इसलिए लिनक्स ऑपरेटिंग System आसानी से उपलब्ध हो जाता है जिसे आप डाउनलोड कर के अपने कंप्यूटर में इंसटाल भी कर सकते है। लिनक्स के Owner का नाम Linus Torvaldus हैं। जिसे 1991 में Develop किया गया था।

लिनक्स नाम रखने के पीछे एक बहुत बड़ा योगदान है। Linus Torvaldus ने इसका इसका नाम सबसे पहले “Freax” सोचा था। पर Server के Administrator Torvaldas ने अपने Origional कोड को Distribute करने को सोचा था। लेकिन Linux नाम की Directory जो इनके नाम का कॉम्बिनेशन था “Torvaldus” और “UNIX” का इसलिए इस Operating System का नाम Linux रखा गया।

UNIX एक पॉपुलर Operating System है UNIX का नाम पहले UNICS था, जीसका पूरा नाम Uniplexed Information And Computing Service है। और Unix एक मल्टी-यूजर(Multi-User), मल्टी-टास्किंग(Multi-Tasking), Powerful ऑपरेटिंग सिस्टम था। जिसे 1960’s में Developed किया गया था।

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