हेल्लो दोस्तों! आज की पोस्ट में हम बहुत ही आसान भाषा में TCP/IP Model in Hindi के बारें में पढेंगे और इसकी layers के बारें में विस्तार से जानेंगे। यदि आपको यह हमारा पोस्ट पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें। हमारी नई पोस्ट कि अपडेट पाने के लिए हमारी Website - hinditech444.blogspot.com से जूड़े रहें।
TCP/IP Model Kya Hai in Hindi–
TCP/IP Model क्या है?
TCP/IP का पूरा नाम [Transmission control Protocol (TCP) तथा Internet Protocol (IP)] है। TCP/IP वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का एक protocol है, जिसे हम इंटरनेट कहते है। इस Model को इंटरनेट में packets को भेजने (send) करने के लिए डिजाइन किया गया है।
TCP/IP Model end-to-end कम्युनिकेशन प्रदान करता है। इसको 1970 तथा 1980 के दशक के बीच Department of Defense (D.O.D.) ने develop किया था।
यह model यह निर्धारित करता है कि एक विशेष Computer किस प्रकार से इंटरनेट से कनेक्ट होता है और उनके बीच data का transmission किस प्रकार होता है। जब बहुत सारें Computer networks आपस में जुड़े हों तो यह मॉडल हमें virtual network बनाने में मदद करता है।
TCP/IP model का मुख्य उद्देश्य बहुत दूरी पर कम्यूनिकेशन प्रदान करना है। अर्थात् हम इसके द्वारा बहुत दूरी पर स्थित network से भी कम्यूनकेट कर सकते हैं।
TCP/IP model में 4 layers होती है जो निम्न है:-
1. Host-to-network (network access) layer
2. Internet layer
3. Transport layer
4. Application layer
Network Access layer ( नेटवर्क एक्सेस लेयर )
• यह layer TCP/IP मोडेल की सबसे निम्नतम लेयर है।
• नेटवर्क एक्सेस लेयर यह describe करती है कि, किस प्रकार data नेटवर्क में sent होता है।
• यह layer , OSI Model में define किये गये data link layer और physical layer का एक संयोजन
(combination) होता है।
• यह लेयर एक ही network में दो devices के मध्य होने वाले data के transmission के लिए जिम्मेदार होती है।
• इस लेयर का कार्य नेटवर्क के द्वारा ट्रांसमिट किये गये IP datagram को frames में encapsulate करना है और IP address को physical address में map करना है।
• इस लेयर के द्वारा प्रयोग किये जाने वाले protocols हैं:-Ethernet, FDDI, Token ring, x.25, Frame Relay.
Internet Layer ( इंटरनेट लेयर )
• यह layer Transport layer तथा Application layer के मध्य स्थित होती है। यह लेयर network में connectionless कम्युनिकेशन उपलब्ध कराती है।
• इसमें data को IP datagrams के रूप में पैकेज किया जाता है। यह datagram source तथा destination IP Address को contain किये रहते है, जिससे कि data को आसानी से sent तथा receive किया जा सकें।
• इसको Network layer भी कहते हैं। इस layer के द्वारा निम्नलिखित protocols का प्रयोग किया जाता हैं:-
IP protocol – इसका पूरा नाम internet protocol है और इसका मुख्य कार्य स्रोत से destination तक packets को deliver करना होता है। इसके दो versions ( वर्ज़न ) होते हैं। IPv4 और IPv6.
ARP – इसका पूरा नाम Address Resolution Protocol है। इसका कार्य IP Address से physical address को खोजना होता है। इसके बहुत सारें प्रकार होते हैं। जैसे:- RARP, PARP आदि.
ICMP – इसका पूरा नाम Internet Control Message Protocol है। इसका function host को network में आने वाली समस्याएं के बारें में सूचना देना होता है।
Transport layer ( ट्रांसपोर्ट लेयर )
• यह layer डेटा के Transmission के लिए जिम्मेदार होती है। यह लेयर Application Layer तथा Internet Layer के मध्य स्थित होती है।
• यह डेटा की reliability, flow control और correction के लिए भी जिम्मेदार होता है।
• इस लेयर में दो मुख्य प्रोटोकॉल कार्य करते है-
1:- Transmission control protocol (TCP)
2:- User datagram Protocol (UDP)
Application layer ( ऍप्लिकेशन्स लेयर )
• यह layer TCP/IP Model की सबसे उच्चतम (highest) लेयर है।
• यह layer ऍप्लिकेशन्स को नेतवोरकी service उपलब्ध करने से सम्बंधित होती है।
• यह लेयर user को Communication उपलब्ध कराती है। जैसे:-वेब ब्राउज़र (Web browser), ई-मेल (e-mail), तथा अन्य ऍप्लिकेशन्स के द्वारा।
• Application layer ट्रांसपोर्ट लेयर को data भेजती है तथा उससे डेटा receive करती है।
• इस लेयर का कार्य high-level protocols को handle करना होता है।
• यह layer यूजर को ऍप्लिकेशन्स के साथ interact करने की सुविधा देती है।
Application layer में प्रयोग किये जाने वाले protocols निम्नलिखित हैं:-
HTTP और HTTPS:- HTTP का पूरा नाम Hypertext Transfer Protocol है। इसके द्वारा हम इंटरनेट में data को एक्सेस कर सकते हैं। यह data को text, audio, video के रूप में transfer करता है। HTTPS का पूरा नाम नाम HTTP-secure है। जब हम http के साथ ssl का प्रयोग करते है, तो वह https हो जाता है।
SNMP – इसका पूरा नाम Simple Network Management Protocol है. यह एक framework है, जिसका प्रयोग इंटरनेट में devices को manage करने के लिए किया जाता है।
SMTP – इसका पूरा नाम Simple Mail Transfer Protocol है। इसका प्रयोग एक e-mail से दूसरे e-mail Address में डेटा को भेजने के लिए किया जाता है।
DNS – इसका पूरा नाम Domain Name System है। इसका प्रयोग IP Address को map करने के लिए किया जाता है।
SSH – इसका पूरा नाम Secure Shell है। इसका प्रयोग encryption के लिए किया जाता है।
Advantage of TCP/IP Model ( टीसीपी/आईपी के लाभ )
इसके लाभ निम्नलिखित हैं:-
1. यह हमें अलग-अलग प्रकार के कंप्युटर में कनेक्शन को स्थापित करने में मदद करता है।
2. यह Operating System से independent होकर कार्य करता है।
3. यह बहुत सारें routing protocols को support करता है।
4. यह बहुत ही Scalable client-Server architecture है।
5. यह आपने कार्य को स्वतंत्र रूप से करता है।
6. यह एक Open Protocol Suite है। अर्थात् यह किसी एक कंपनी का नहीं है, इसलिए इसे कोई भी व्यक्ति, Company प्रयोग कर सकता है।
Disadvantage of TCP/IP Model ( टीसीपी/आईपी के हानि )
इसकी हानियाँ निम्नलिखित हैं:-
1. यह एक Complicated Model है इसलिए इसे setup और manage करना हार्ड होता है।
2. इस model का transport layer packetsकी delivery की गारंटी नही लेता है।
3. इसमें Protocols को replace करना सरल नहीं है।
4. इसमें services, interfaces और protocols का अवधारनायें अलग नहीं है, इसलिए इसे नयी technology में describe करना suitable नहीं होता।
5. इसे Wide Area Network (WAN) के लिए डिजाइन किया गया था। इसे LAN (Local Area Network) और Personal Area Network (PAN) के लिए optimize नही किया गया है।
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